मंगलवार, 25 नवंबर 2025

 

वर्ल्ड अपडेट्स:ईरान ने भारतीयों के लिए वीजा-फ्री एंट्री की सुविधा रोकी; फर्जी नौकरी और तस्करी मामलों के बाद फैसला

ईरान सरकार ने भारतीय नागरिकों के लिए वीजा-फ्री एंट्री की सुविधा 22 नवंबर से रोक दी है। अब सामान्य पासपोर्ट वाले भारतीय नागरिकों को ईरान जाने या वहां से ट्रांजिट करने के लिए वीजा लेना अनिवार्य होगा।

भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) के मुताबिक हाल के महीनों में कई भारतीयों को फर्जी नौकरी, ट्रांजिट या किसी तीसरे देश तक पहुंचाने के बहाने ईरान ले जाया गया। यहां उनके साथ धोखाधड़ी और जबरन वसूली जैसी घटनाएं हुईं।

मंत्रालय ने बताया कि कई एजेंट भारतीय युवाओं को रोजगार या विदेश पहुंचाने का भरोसा दिलाकर ईरान भेजते थे। वीजा-फ्री सुविधा का दुरुपयोग करते हुए कुछ लोगों को वहां पहुंचते ही किडनैप कर फिरौती मांगी गई या उन्हें अवैध गतिविधियों में धकेलने की कोशिश हुई। इन घटनाओं को रोकने और यात्रा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ईरान सरकार ने वीजा छूट सुविधा को अस्थायी रूप से निलंबित करने का निर्णय लिया।

भारत सरकार ने नागरिकों को सलाह दी है कि वे किसी भी एजेंट या बिचौलिये के झांसे में न आएं। वीजा-फ्री यात्रा या ईरान के रास्ते किसी अन्य देश भेजने के दावों से बचें। ईरान जाने की योजना हो तो प्रस्थान से पहले उचित वीजा अवश्य प्राप्त करें। सरकार ने साफकिया है कि 22 नवंबर के बाद बिना वीजा ईरान में प्रवेश या ट्रांजिट संभव नहीं होगा।

यूक्रेन को 100 राफेल देगा फ्रांस, मैक्रों-जेलेंस्की ने समझौते पर साइन किए

यूक्रेन और रूस में जारी जंग के बीच फ्रांस ने यूक्रेन को बड़ी सैन्य मदद देने का फैसला किया है।

फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने सोमवार को एक लेटर ऑफ इंटेंट यानी एक तरह के सहमति-पत्र पर साइन किए। इसके तहत यूक्रेन को 100 राफेल फाइटर जेट और कई आधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम मिलेंगे।

यह लेटर ऑफ इंटेंट अभी खरीद-बिक्री का अंतिम कॉन्ट्रैक्ट नहीं है, लेकिन फ्रांसीसी राष्ट्रपति कार्यालय के मुताबिक इसे करीब 10 सालों में पूरा करने की योजना है।

समझौते में नई पीढ़ी के SAMP-T एयर डिफेंस सिस्टम, रडार सिस्टम और ड्रोन देने का प्रावधान भी शामिल है। फ्रांसीसी राष्ट्रपति मैक्रो ने इसे महान दिन बताया। रूस-यूक्रेन जंग शुरू होने के बाद जेलेंस्की का यह नौवां फ्रांस दौरा था।

ऑस्ट्रेलिया-न्यूजीलैंड में बच्चों की प्ले सैंड में एस्बेस्टस मिला; 70 से ज्यादा स्कूल बंद किए

ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में बच्चों के खेलने वाली प्ले सैंड में खतरनाक एस्बेस्टस के अंश मिले हैं। ऑस्ट्रेलियन कैपिटल टेरिटरी (ACT) और न्यूजीलैंड के कई स्कूलों में यह सैंड इस्तेमाल हो रही थी।

एहतियात के तौर पर सोमवार तक 70 से अधिक स्कूल और प्री-स्कूल बंद कर दिए गए। प्रभावित जगहों पर जांच और सफाई जारी है।

प्ले सैंड एक विशेष प्रकार की साफ, मुलायम और महीन रेत होती है, जिसका इस्तेमाल बच्चों के खेलने में किया जाता है। भारत में इसे ‘काइनेटिक सैंड’, ‘मैजिक सैंड’ या ‘मोल्डिंग सैंड’ के नाम से जाना जाता है।

लैब टेस्ट में सैंड के अंदर ट्रेमोलाइट और क्राइसोटाइल दो प्रकार के एस्बेस्टस पाए गए है। दोनों प्रकार बेहद खतरनाक माने जाते हैं। इनकी महीन धूल सांस में चली जाए तो फेफड़ों की गंभीर बीमारियां और कैंसर तक हो सकता है।

अधिकारियों ने कहा कि इनकी मौजूदगी भर भी बच्चों के लिए जोखिम है। ऑस्ट्रेलियन कैपिटल टेरिटरी (ACT) के दर्जनों स्कूलों में यह प्ले सैंड इस्तेमाल हो रही थी। शुक्रवार से बंद होने शुरू हुए स्कूलों की संख्या सोमवार तक 70 से अधिक हो गई। ब्रिस्बेन के एक स्कूल को भी एहतियातन बंद किया गया।

कांगो में खदान ढहने से 80 की मौत, कई लोगों के फंसे होने की आशंका

दक्षिण-पूर्वी कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (DRC) में शनिवार को एक खदान ढह गया। हादसे में कम से कम 80 लोगों की मौत हो गई। कई लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है। एक अधिकारी ने रविवार को घटना की जानकारी दी। यह हादसा लुआलाबा प्रांत के मुलोंडो में कलांडो खदान में हुई।

प्रांत के गृह मंत्री रॉय कौम्बा मायोंडे ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि भारी बारिश और लैंडस्लाइड के खतरे के कारण खदान में जाने पर बैन लगा था। इसके बावजूद अवैध माइनिंग करने वाले खदान में जबरन खदान में घुस गए थे।

DRC की सरकारी एजेंसी SAEMAPE की रिपोर्ट में कहा गया है कि घटनास्थल पर सैनिकों की फायरिंग से माइनिंग करने वालो में दहशत फैल गई और वे खदान के ऊपर पुल की ओर दौड़ पड़े, जिससे पुल ढह गया।

घटना का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें खदान के नीचे कई लोग खड़े दिखे। अचानक खदान का बड़ा हिस्सा ढह गया और उसके मलबे में कई लोग दब गए। कई लोग भागने के दौरान एक-दूसरे के ऊपर गिर गए, जिससे उनकी जान गई।

बता दें कि DRC दुनिया में कोबाल्ट का सबसे बड़ा उत्पादक है। कोबाल्ट इलेक्ट्रिक वाहनों और दूसरे प्रोजक्ट के लिए लिथियम-आयन बैटरी बनाने में इस्तेमाल होता है। इस मध्य अफ्रीकी देश में उत्पादन का 80% हिस्सा चीनी कंपनियों के कंट्रोल में है। देश की खनन इंडस्ट्री लंबे समय से बाल मजदूरी, असुरक्षित परिस्थितियों और भ्रष्टाचार के आरोपों के जूझ रही है।

कैलिफोर्निया के ज्वेलरी शॉप से 1.4 करोड़ रुपए के गहने चोरी; दुकान मालिक ने बचाव में गोलीबारी की

कैलिफोर्निया में एक ज्वेलरी दुकान पर गुरुवार शाम मास्क पहने पांच लुटेरों ने धावा बोल दिया। उन्होंने करीब 1.4 करोड़ रुपए की ज्वेलरी लूट ली। हालांकि, दुकान मालिक के गोली चलाने के बाद सभी भाग निकले।

घटना शाम 7 बजे के बाद हुई जब दुकान 'ओलिविया फाइन ज्वेलरी' से ग्राहक निकल चुके थे। काले कपड़े और मास्क पहने लुटेरे अचानक अंदर घुसे। कुछ के हाथ में कांच तोड़ने के औजार थे, जबकि एक दरवाजे पर पहरेदार बना रहा।

लुटेरे काउंटर पार कर ज्वेलरी निकालने लगे। तभी पीछे के कमरे से दुकान मालिक निकले और हैंडगन से 3-5 गोलियां चलाईं। लुटेरे एक-दूसरे पर गिरते हुए बाहर भागे। मालिक ने दरवाजे पर पहुंचकर और चेतावनी की गोलियां चलाईं। कोई घायल नहीं हुआ, लेकिन लुटेरे ज्वेलरी लेकर फरार हो गए।

पुलिस को लुटेरों की गाड़ी शहर के बाहर मिली। जांच में पता चला कि डकैती से पहले वे इलाके में चक्कर लगा रहे थे। सीसीटीवी फुटेज की जांच जारी है। लुटेरों की पहचान नहीं हो सकी क्योंकि वे मास्क और काले कपड़ों में थे।

ड्रग ले जा रही बोट पर अमेरिका का हवाई अटैक:75 दिनों में 21वां हमला, अब तक 83 मौतें; ट्रम्प ने उड़ाने का आदेश दिया था

अमेरिका ने शनिवार को पूर्वी प्रशांत महासागर में एक ड्रग तस्करी करने वाली नाव पर हवाई हमला किया, जिसमें तीन लोग मारे गए। अमेरिकी सेना ने रविवार को यह जानकारी दी।

यह सितंबर की शुरुआत से अब तक अमेरिकी सेना का ड्रग नावों पर किया गया 21वां हमला है। आंकड़ों के अनुसार, इन हमलों में अब तक 83 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के मुताबिक ये हमले अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प के आदेश पर हो रहे हैं।

ट्रम्प प्रशासन ने इन हमलों को अमेरिका में ड्रग्स सप्लाई रोकने के लिए जरूरी कदम बताया। न्याय विभाग ने इन हमलों को सही ठहराया है और कहा गया है कि इन ऑपरेशनों में शामिल अमेरिकी सैनिकों को मुकदमा चलाने से छूट मिलेगी। 

मक्का से मदीना जा रहे 42 भारतीयों की मौत:उमरा के लिए जा रही बस डीजल टैंकर से टकराकर जली; रात 1.30 बजे हुआ हादसा

सऊदी अरब में सोमवार देर रात एक सड़क हादसे में 42 भारतीयों की मौत हो गई। मक्का से मदीना जाते समय इनकी बस डीजल टैंकर से टकरा गई और इसमें आग लग गई। मृतकों में 20 महिलाएं और 11 बच्चे शामिल हैं। सिर्फ एक यात्री बचा है।

मृतकों में ज्यादातर हैदराबाद के बताए जा रहे हैं। हादसा मदीना से लगभग 160 किलोमीटर दूर मुहरास के पास भारतीय समयानुसार रात लगभग 1:30 बजे हुआ। उस समय कई यात्री सो रहे थे। उन्हें बचने का कोई मौका नहीं मिला।

तेलंगाना सरकार ने कहा है कि वह रियाद में भारतीय दूतावास के संपर्क में है। राज्य सरकार की ओर से जारी बयान में बताया गया कि मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने दिल्ली में मौजूद अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे दूतावास से नजदीकी तालमेल बनाकर पीड़ितों की पहचान और अन्य औपचारिकताओं में मदद करें। 













  वर्ल्ड अपडेट्स: ईरान ने भारतीयों के लिए वीजा-फ्री एंट्री की सुविधा रोकी; फर्जी नौकरी और तस्करी मामलों के बाद फैसला ईरान सरकार ने भारतीय न...