बुधवार, 8 अक्टूबर 2025

ट्रम्प बोले- मैंने 9/11 हमले से पहले ओसामा के बारे में चेतावनी दी थी, किसी ने मेरी बात नहीं सुनी

 

ट्रम्प बोले- मैंने 9/11 हमले से पहले ओसामा के बारे में चेतावनी दी थी, किसी ने मेरी बात नहीं सुनी

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने रविवार को दावा किया कि उन्होंने 11 सितंबर 2001 के हमलों से एक साल पहले अल-कायदा के आतंकी ओसामा बिन लादेन के बारे में चेतावनी दी थी। ट्रम्प ने कहा कि अगर उनकी बात मान ली होती, तो 9/11 का हमला रोका जा सकता था।

वर्जीनिया के नॉरफॉक में अमेरिकी नौसेना के 250वीं वर्षगांठ पर ट्रम्प ने कहा- मैंने एक साल पहले ओसामा बिन लादेन के बारे में लिखा था। मैंने कहा था कि उस नजर रखनी होगी।

ट्रम्प ने साल 2000 में अपनी किताब 'द अमेरिका वी डिजर्व' में बिन लादेन को अमेरिका के लिए खतरा बताया था, लेकिन उन्होंने 9/11 हमले की भविष्यवाणी नहीं की थी।

ट्रम्प ने कहा- किसी ने मेरी बात नहीं सुनी। एक साल बाद बिन लादेन ने वर्ल्ड ट्रेड सेंटर उड़ा दिया। मुझे इसका थोड़ा क्रेडिट लेना होगा, क्योंकि कोई और मुझे यह नहीं देगा। उन्होंने यह भी कहा कि फर्जी खबरें उनके इस दावे को सच नहीं मानेंगी।

11 सितंबर 2001 को अल-कायदा के आतंकियों ने चार विमानों को हाईजैक करके उन्हें न्यूयॉर्क के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर, पेंटागन, और पेनसिलवेनिया के एक मैदान में क्रैश करा दिया था। इस हमले में लगभग 3,000 लोग मारे गए थे, जो अमेरिका की जमीन पर सबसे बड़ा आतंकी हमला था।

ट्रम्प ने अपनी स्पीच में अमेरिकी नौसेना सील्स की तारीफ की। उन्होंने कहा- इतिहास कभी नहीं भूलेगा कि नौसेना के सील्स ने पाकिस्तान में बिन लादेन के ठिकाने पर हमला किया और उसे गोली मार दी।

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ट्रम्प ने नेतन्याहू को फटकारा, कहा- तुम हमेशा इतने नकारात्मक क्यों रहते हो

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इजराइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू को फोन पर फटकार लगाई है। दरअसल, हमास ने गाजा युद्ध खत्म करने के लिए ट्रम्प के 20-सूत्री प्लान को आंशिक तौर पर स्वीकार किया है। ट्रम्प ने इसे पॉजिटिव बताया, लेकिन नेतन्याहू ने कहा कि यह कोई बड़ी बात नहीं।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस पर गुस्से में ट्रम्प ने कहा- मुझे नहीं पता तुम हमेशा इतने नकारात्मक क्यों रहते हो। यह जीत है, इसे स्वीकार कर लो।

एक सोशल मीडिया पोस्ट में ट्रम्प ने कहा कि इस वीकेंड पर हमास और दुनिया के कई देशों से बहुत अच्छी बातचीत हुई। इस बातचीत का मकसद गाजा युद्ध खत्म करना, बंधकों को छुड़ाना और मिडिल ईस्ट में शांति लाना है।

ट्रम्प ने कहा- बेहतर तरीके से बातचीत हो रही है। मैं इस पुराने झगड़े पर नजर रखूंगा। समय बहुत कीमती है, नहीं तो बहुत नुकसान होगा, जो कोई नहीं चाहता।

ट्रम्प का 20-सूत्री प्लान 29 सितंबर पेश किया गया था। इसका मकसद बंधकों को छुड़ाना, गाजा में लड़ाई रोकना और मिडिल ईस्ट में शांति लाना है।

अमेरिका के पिट्सबर्ग में भारतीय मूल के शख्स की गोली मारकर हत्या, हमलावर से पूछा था- क्या तुम ठीक हो

अमेरिका के पिट्सबर्ग में एक भारतीय मूल के शख्स राकेश एहागाबन (50) की गोली मारकर हत्या कर दी गई। शख्स एक मोटल का मालिक था। घटना शुक्रवार दोपहर की है।

स्थानीय मीडिया के मुताबिक, मोटल के पार्किंग लॉट में एक विवाद हुआ था, जिसके बाद हंगामा शुरू हुआ। इसे सुनकर राकेश बाहर आया।

पुलिस के मुताबिक, राकेश दो लोगों के बीच झगड़ा सुलझाने की कोशिश कर रहे थे, तभी 37 साल के स्टैनली यूजीन वेस्ट ने राकेश को सिर में गोली मार दी।

जब वेस्ट का झगड़ा हुआ तब राकेश उसके पास गए और पूछा कि क्या तुम ठीक हो, दोस्त? इसके तुरंत बाद वेस्ट ने राकेश के सिर में गोली मार दी। राकेश घटना स्थल पर ही मृत पाए गए। घटना से पहले, वेस्ट ने मोटल के बाहर एक महिला को गोली मारी थी।

पुलिस ने बताया कि हमलावर पर हत्या, हत्या का प्रयास और दूसरे व्यक्ति की जान को खतरे में डालने के आरोप लगाए गए हैं। शिकायत में कहा गया है कि मोटल मालिक की हत्या के बाद वेस्ट बड़ी बेपरवाही से पास खड़ी एक U-Haul वैन तक गया और गाड़ी चलाकर वहां से निकल गया।

बाद में पुलिस ने उसका पीछा किया। इस दौरान वेस्ट ने पुलिस पर गोली चलाई, जिससे एक पिट्सबर्ग डिटेक्टिव के पैर में चोट लगी। पुलिस ने जवाबी कार्रवाई में वेस्ट को कई बार गोली मारी और उसे घायल किया। पुलिस को अब तक गोलीबारी के पीछे कोई साफ मकसद का पता नहीं चला है।

इंडोनेशिया में सौ साल पुरानी स्कूल की इमारत गिरने से 49 बच्चों की मौत, 14 छात्र लापता

इंडोनेशिया में पिछले हफ्ते एक इस्लामिक बोर्डिंग स्कूल की इमारत गिरने की घटना में मरने वाले बच्चों की संख्या बढ़कर 49 हो गई है। राहत कर्मियों ने शनिवार और रविवार को मलबे से 35 और शव निकाले। अब भी 14 छात्र लापता बताए जा रहे हैं।

यह हादसा 29 सितंबर को जावा द्वीप के सिदोआर्जो इलाके में स्थित सौ साल पुराने स्कूल में हुआ था। जब इमारत गिरी, तब सैकड़ों छात्र अंदर मौजूद थे। ज्यादातर छात्र 12 से 19 साल के बीच के थे। केवल एक छात्र बिना चोट के बच पाया।

97 छात्रों को हल्की चोटें आईं और उन्हें इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई, जबकि 6 गंभीर रूप से घायल हैं और अस्पताल में भर्ती हैं। पुलिस के मुताबिक, स्कूल की दो मंजिला बिना अनुमति के बनाई जा रही थीं। इसी वजह से ढांचा कमजोर पड़ गया और पूरी इमारत गिर गई।

निर्माण विशेषज्ञ मूजी इरमावन ने बताया कि कॉन्क्रीट डालते समय इमारत का ढांचा वजन नहीं झेल पाया, क्योंकि निर्माण मानकों का पालन नहीं किया गया था। उन्होंने यह भी कहा कि निर्माण कार्य चलने के दौरान छात्रों को इमारत में नहीं होना चाहिए था।

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