चीन से किम जोंग का जूठा गिलास ले गए बॉडीगार्ड्स:पुतिन से मुलाकात के बाद फिंगरप्रिंट भी मिटाए; सीक्रेट जानकारी लीक होने का खतरा
रूसी पत्रकार अलेक्जेंडर युनाशेव ने बताया कि मीटिंग के बाद कुर्सी, टेबल और आस पास की चीजों को इस तरह साफ किया कि उन पर किम का कोई निशान नहीं छूट जाए।
एक्सपर्ट्स का अनुमान है कि ये रूस और चीन की जासूसी से बचने की कोशिश हो सकती है या फिर किम अपनी हेल्थ की जानकारी छिपाना चाहते हैं। किसी नेता के फिंगर प्रिंट और मल-मूत्र से उसके DNA और हेल्थ से जुड़ी सीक्रेट जानकारी पता की जा सकती है।
सीक्रेट जानकारी लीक होने का खतरा
- फिंगरप्रिंट से किसी भी इंसान के सीक्रेट दस्तावेज तक पहुंच हासिल की जा सकती है। फिंगरप्रिंट का इस्तेमाल फोन, लैपटॉप, और सीक्रेट ठिकानों में एंट्री के लिए भी होता है।
- किसी भी देश के नेता का स्वास्थ्य ‘टॉप सीक्रेट’ माना जाता है। अगर ये जानकारी बाहर आ जाए तो दुश्मन देश उसकी कमजोरियों का फायदा उठा सकते हैं।
- विदेशी एजेंसियां स्वास्थ्य रिपोर्ट लीक कर यह छवि बना सकती हैं कि राष्ट्रपति कमजोर या बीमार हैं। इससे घरेलू राजनीति और जनता का भरोसा डगमगा सकता है।
- यही वजह है कि दुनिया के कई देशों की सिक्योरिटी एजेंसी विदेश दौरे पर अपने नेता के फिंगरप्रिंट साफ कर देती हैं और उनके मल-मूत्र वापस ले जाती है।
कोरोना के बाद पहली बार चीन पहुंचे किम जोंग
पत्रकार युनाशेव के मुताबिक, किम और पुतिन की मुलाकात अच्छी रही। दोनों नेता खुश थे और बाद में साथ में चाय पीने गए। किम ने पुतिन से कहा- अगर मैं रूस के लिए कुछ कर सकता हूं, तो मुझे खुशी होगी।
पुतिन ने उत्तर कोरिया को यूक्रेन में सैनिक भेजने के लिए शुक्रिया कहा। कोविड-19 के बाद किम जोंग का यह पहला चीन दौरा था। यहां उन्होंने पुतिन के साथ चीन की विक्ट्री डे परेड में हिस्सा लिया।


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